ई-पाठशाला से और भी सरल हुई शिक्षा
ई-पाठशाला से शिक्षा और भी सरल हो गई है. शिक्षा में सूचना प्रौद्योगिकी का विशेष महत्व है. सरस्वती विद्यालय के आवासीय विद्यापीठ में दो दिनों से चल रही साधारण सभा के तीसरे और आखिरी दिन शिक्षा क्षेत्र में नए व आधुनिक प्रयोगों पर विचार विमर्श हुआ. सभा में इस संबंध की जानकारी दी गई कि शिक्षा में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग की महत्ता को ध्यान में रखते हुए भोपाल से पूरे देश के लिए विद्या भारती ई-पाठशाला का प्रकल्प चला रही है.
स्मार्ट स्कूल बन रहे सरस्वती विद्यालय
ई-पाठशाला की जानकारी देते हुए राकेश शर्मा ने कहा कि ई-पाठशाला के जरिये आचार्यों को कक्षा शिक्षण के लिये सहायक सामग्री के रूप में कंटेंट व वीडियो उपलब्ध हो पाएंगे जिससे कक्षा शिक्षण सरल व प्रभावी हो सकेगा. साथ ही विद्यालय स्मार्ट स्कूल की ओर अग्रसर होगा. स्कूली शिक्षा में कौशल विकास विषय पर बोलते हुए रोहित द्विवेदी ने कहा कि भविष्य में तकनीक जिस दिशा में आगे जा रही है उसी अनुरूप में हमें सोचना होगा.
स्कूली शिक्षा में महिलाओं का सर्वे
डॉ. रेणु माथुर ने बताया कि विद्या भारती द्वारा शालेय शिक्षा में महिलाओं की स्थिति पर सर्वेक्षण कराया गया. देश के 26 राज्यों में 500 कार्यकर्ताओं ने 8 हजार 5 सौ बालिकाओं का सर्वेक्षण किया. इतना व्यापक सर्वेक्षण उल्लेखनीय है. सुश्री माथुर ने बताया कि सर्वेक्षण की रिपोर्ट का अध्ययन कर एक विशेष रिपोर्ट शोध पत्र के रूप में तैयार होगी. जिससे महिलाओं की स्थिति को अच्छा बनाने के लिये विशेष कदम उठाने में सहायता होगी.
समापन सत्र में शामिल हुए सरकार्यवाह
साधरण सभा के समापन सत्र में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी ने शिरकत की. उन्होने कहा कि घर प्राथमिक विद्यालय है और शिशु का प्रथम शिक्षण अभिभावक द्वारा प्रारंभ होना चाहिए. इस विषय में अभिभावकों का प्रबोधन होना चाहिए.