Laying of foundation stone of hostel on the occasion of Silver Jubilee of the school at Leh.



Laying of foundation stone of hostel on the occasion of Silver Jubilee of the school at Leh.
लेह में विद्यालय के रजत जयंती पर छात्रावास का शिलान्यास।
लेह-लद्दाख, 30 मई 2025:
भारतीय शिक्षा निकेतन उच्च विद्यालय, चोगलमसर, लेह-लद्दाख में रजत जयंती समारोह के शुभ अवसर पर छात्रावास भवन के शिलान्यास एवं भूमि पूजन कार्यक्रम का आयोजन वैदिक परंपराओं के अनुसार अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हुआ।कार्यक्रम में विद्यालय के प्रबंधक, शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं एवं आमंत्रित अतिथियों की उपस्थिति रही, जिन्होंने सामूहिक रूप से वैदिक विधि से भूमि पूजन कर भारतीय संस्कृति का सम्मान किया। यह विद्यालय न केवल शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए जाना जाता है, बल्कि यह भारतीय परंपराओं, संस्कारों और सांस्कृतिक मूल्यों को संजोकर छात्रों को सर्वांगीण विकास की दिशा में प्रेरित करता है।
कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों में मुख्य अतिथि के रूप में श्री गोविंद चंद्र जी उपस्थित रहे। मुख्य वक्ता श्री देशराज शर्मा जी, जो कि विद्या भारती के राष्ट्रीय महामंत्री हैं, ने अपने विचार रखे। विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री सुखराज सेठिया, श्री सतीश माहेश्वरी, श्री स्टैनजिन चोस्पेल और श्री टाशी तुंडुप उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री वेद भूषण शर्मा जी ने की।विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री गोपाल सिंह, पुणे कालीन विद्या भारती जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों, स्थानीय संगठनों के प्रतिनिधियों, अभिभावकों और पूर्व छात्रों की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और वंदन के साथ हुई, जिसमें अतिथियों का भव्य स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। इसके उपरांत छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी का मन मोह लिया। इनमें लद्दाख की लोकसंस्कृति, देशभक्ति से ओतप्रोत नाट्य प्रस्तुतियाँ एवं विभिन्न कलात्मक प्रस्तुतियाँ शामिल थीं। तीन वर्ष के छोटे बच्चों से लेकर युवा विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का ऐसा परिचय दिया कि दर्शक भावविभोर हो उठे।इस अवसर पर विद्यालय के शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक योगदान की सराहना करते हुए अतिथियों ने विद्यालय को और अधिक विकसित करने का संकल्प भी दोहराया। सभी कार्यक्रमों का संचालन क्रमबद्ध एवं अनुशासित ढंग से किया गया, जिससे यह आयोजन एक अद्वितीय उदाहरण बन गया।त में कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” के सामूहिक गायन के साथ हुआ।