शिक्षा के साथ संस्कार अनिवार्य : श्री गोस्वामी
विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान सम्पूर्ण देश के शिक्षा क्षेत्र में कार्य करने वाला अप्रतिम संगठन है. विद्या की भारतीय संकल्पना के आधार पर आधुनिक साधनो का सदुपयोग कर गुणानुकूल आवश्यकताओं की पूर्ति की योग्य दिशा में निरंतर कदम बढ़ाना विद्या भारती का स्वभाव अथवा प्रकृत कर्म है. इस दृष्टि से चिंतन, शोध, प्रयोग निरंतर चलते हैं. देश भर में विस्तृत 12,678 औपचारिक विद्यालय एवं 4,397 एकल विद्यालय तथा 8,221 संस्कार केंद्र निश्चय ही हमारी प्रयोगशालाएं है जिनमे 1,49,748 आचार्य/ आचार्या तथा 32,92,896 छात्र भैया/ बहिन सतत कार्यरत हैं. विद्या भारती का कार्य सुचारू रूप से चलता रहे, विचार अके साथ इसका संगठनिक ढांंचा और आवश्यकताएं पूरी होती रहे, इसके लिये विकसित इसकी कार्यपद्धति की विशेषताओं में विभिन्न प्रकार की बैठकों का अयोजन होता है. वर्ष में संविधानुसार कार्यकारिणी तथा साधारण सभा के क्रम में 6-7-8 अप्रैल 2018 को सम्पन्न होने वाली साधारण सभा की बैठक हेतु देश भर से लगभग 400 प्रतिनिधि यहां एकत्र हुये हैं. बैठक में गत वर्ष के लिये कार्य की समीक्षा के साथ साथ आगामी वर्ष की योजना, संगठन एवं देश के शिक्षा जगत के समक्ष उपस्थित महत्वपूर्ण मुद्ददे, विविध गतिविधियां, कार्यक्रम तथा कार्य विस्तार की दृष्टि से सुक्षम चिंतन और चर्चा होती है और गुणात्मक विकास हमारी दृष्टि से अनिवार्य विषय के रूप में उपस्थित रहता है.