Spiritual Foundations of Indian Education – Part Three (Conscience and its Education)भारतीय शिक्षा के आध्यात्मिक आधार – भाग तीन (अन्तःकरण व उसकी शिक्षा)– ब्रज मोहन रामदेवकरण अर्थात् उपकरण या साधना। ज्ञान प्राप्त करने के दो साधन है। 1. बाह्य करण 2. अन्तः करण। ज्ञानेन्द्रियां कर्मेन्द्रियां बाह्य करण…
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Spiritual Foundations of Indian Education – Part Two (Upanishads and Education)भारतीय शिक्षा के आध्यात्मिक आधार – भाग दो (उपनिषद् एवं शिक्षा)– ब्रज मोहन रामदेववैदिक वांग्मय के अनुसार वेद का अर्थ बोध या ज्ञान है। विद्वानों ने संहिता, ब्राह्मण, आरण्यक तथा उपनिषद् इन चारों के संयोग को वेद कहा है। उपनिष…
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भारतीय शिक्षा के आध्यात्मिक आधार भाग एक– ब्रज मोहन रामदेव‘आध्यात्मिकता’ भारत राष्ट्र की विशेष संकल्पना है। हमारी यह मान्यता है कि सृष्टि रचना के मूल में आत्म तत्व है। यह आत्म तत्व अत्यन्त अमूर्त व अपरिवर्तनीय है। उनमें से यह अव्यक्त आत्म तत्व की सृष्टि के रूप में रूपान्तरित हुआ है। अतः सृष्टि व आत्म…
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Assessment in School Education as per NEP-2020NEP-20, envisages a big shift in the way we educate, as quality of learning is the core issue. It emphasizes more on building competencies and 21st century skills. Hence transforming assessment strategies for student development becomes very much essenti…