In Gorakhpur on 71st Republic Day Sarsanghchalak Ji's address

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पू. सरसंघचालक जी का उद्बोधन
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71वें गणतंत्र दिवस पर गोरखपुर में पू. सरसंघचालक जी का उद्बोधन

71वें गणतंत्र दिवस पर सरस्वती शिशु मंदिर, सुभाष चंद्र बोस नगर, सूर्यकुंड, गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) में आयोजित समारोह में पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी का उद्बोधन 26 जनवरी, 2020

पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सूर्यकुंड में राष्ट्रीय ध्वज फहराया.

सरसंघचालक जी ने राष्ट्रध्वज के तीनों रंगों का महत्व बताया. उन्होंने कहा कि ये रंग ज्ञान, कर्म, भक्ति का कर्तव्य बताने वाले हैं. सबसे ऊपर भगवा रंग त्याग का, बीच का सफेद रंग पवित्रता और हरा रंग मां लक्ष्मी यानी समृद्धि का प्रतीक है. भगवा रंग देखते ही मन में सम्मान पैदा होता है. यह बताता है कि हमारा जीवन स्वार्थ का नहीं परोपकार का है. हमें कमाना है, दीन दुःखियों, वंचितों को देने के लिए. इतना देना है कि सबकुछ देने के बाद भी देने की इच्छा रह जाए. पवित्रता और शुद्धता जीवन में ज्ञान, धन और बल के सदुपयोग के लिए जरूरी है. ज्ञान तो रावण के पास भी था, लेकिन मन मलिन था. शुद्धता रहेगी तो ज्ञान का प्रयोग विद्यादान, धन का सेवा और बल का दुर्बलों की रक्षा के लिए उपयोग होगा. हरा रंग समृद्धि का प्रतीक है. हमारा देश त्याग में विश्वास करता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यहां दारिद्रय रहेगा. समृद्धि चाहिए, लेकिन हमारी समृद्धि अहंकार के लिए नहीं दुनिया से दुःख और दीनता खत्म करने के काम आएगी. इस समृद्धि के लिए परिश्रम करना होगा. जैसे किसान परिश्रम करता है, तभी अच्छी फसल पाता है, वैसे ही सब परिश्रम करेंगे तो देश आगे बढ़ेगा. भारत बढ़ेगा तो दुनिया बढ़ेगी.

उन्होंने कहा कि देश के संविधान ने सभी नागरिकों के अधिकार और कर्त्तव्य तय किये हैं. लेकिन यह अधिकार और कर्तव्य अनुशासन के दायरे में होंगे, तभी देश के लिए बलिदान देने वाले क्रांतिकारियों का सपना पूरा हो सकेगा और उनके सपनों के भारत का निर्माण हो सकेगा.