Inauguration of Newly Selected Acharya Training
गोरखपुर : सरस्वती शिशु मंदिर पक्कीबाग में नव चयनित आचार्य प्रशिक्षण वर्ग का शुभारंभ
Gorakhpur : Saraswati Shishu Mandir Pakkibagh- Inauguration of newly selected Acharya training
गोरखपुर। विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र से संबंध शिशु शिक्षा समिति गोरक्ष प्रांत द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर (10 +2) पक्कीबाग में सोमवार (16 मई 2022) को 'नव चयनित आचार्य प्रशिक्षण वर्ग' का आयोजन किया गया है। यह वर्ग 15 मई 2022 से प्रारंभ होकर 24 मई 2022 तक चलेगा। वर्ग के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि मा. रामय जी (संगठन मंत्री, विद्या भारती गोरक्ष प्रांत) का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मा. रामय जी ने कहा कि भारत में शिक्षा की श्रेष्ठ परंपरा रही है। जो शिक्षक छात्र बन कर जीए वही एक अच्छा शिक्षक है। शिक्षा ऐसी हो जो सीखने वाली हो, एवं सिखाने वाली हो। यह देश देवताओं के द्वारा निर्मित देश है, वह शिक्षा जो अपने एवं कुछ लोगों को लाभ पहुंचाती है वह सही शिक्षा नहीं है। जीवन को सफल बनाने के लिए शिक्षा आवश्यक है। वर्तमान में हमें सही शिक्षा की आवश्यकता है। पहले गांव गांव में शिक्षा का केंद्र हुआ करते थे। हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विकास करना चाहते है। हम ऐसी राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली का विकास करें जो जीवन की वर्तमान चुनौतियों का सामना सफलतापूर्वक कर सके,जो देश को विकास और उन्नति के रास्ते पर ला सके। समय-समय पर शिक्षा का अभ्यास करते रहना चाहिए।
सरस्वती शिशु मंदिर (10+2) पक्कीबाग में मंगलवार (17 मई 2022) को नव चयनित आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के तीसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में आदरणीय शिवकुमार जी (राष्ट्रीय मंत्री विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान) उपस्थित रहें। इस अवसर पर आदर्श शिक्षक की अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए आदरणीय शिवकुमार जी ने कहा कि जब हम समाज में साक्षरता की बात करते हैं तो आजादी के समय भारत की साक्षरता दर बहुत कम थी। और वहीं पर हम अतीत में जाते हैं तो अंग्रेजों के आने से पहले भारत की साक्षरता दर काफी अच्छी थी। भारत में गांव गांव में पाठशालाए थी,समान व्यक्ति भी पढ़ता था गुरुकुल के समय लगभग 100% साक्षरता थी। आधुनिक शिक्षा अंग्रेजों के हाथ में चली गई, जो उन्होंने किया या कहा उस मापदंड के अनुसार अपनी शिक्षा प्रणाली रही।