NEP and Panchpadi were discussed in Vidya Bharati meeting

विद्या भारती साधारण सभा बैठक उद्घाटन सत्र,
राष्ट्रीय शिक्षा नीति और पंचपदी शिक्षा पद्धति रही प्रमुख चर्चा का विषय
नई दिल्ली 26-27 जुलाई | विद्या भारती उत्तर क्षेत्र की साधारण सभा बैठक का उद्घाटन महाशय चुनी लाल सरस्वती बाल मदिर, नेहरू नगर, नई दिल्ली में आयोजित हुई। बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन तथा पंचपदी शिक्षा पद्धति को व्यापक रूप से अपनाने पर विशेष बल दिया गया।
बैठक की अध्यक्षता क्षेत्रीय अध्यक्ष अशोक पाल द्वारा की गई। इस अवसर पर अखिल संगठन मंत्री गोविन्द चन्द मोहन्त, अखिल भारतीय महामंत्री देशराज शर्मा, क्षेत्रीय संगठन मंत्री विजय नड्डा, क्षेत्रीय सह संगठन मंत्री बाल किशन, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार अत्री, दिल्ली प्रान्त के अध्यक्ष सुखराज सेटिया, महामंत्री डॉ सतीश महेश्वरी, उपाध्यक्ष अरूण कृष्ण शर्मा, प्रधानाचार्या ऋतु सूद सहित अनेक गणमान्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन और बंदना से हुई। बैठक में दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर से लगभग 40 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
देशराज शर्मा द्वारा वर्ष 2024 में पंजाब में सम्पन्न पिछली साधारण सभा बैठक की कार्यवाही का वाचन किया गया, जिसे उपस्थित सदस्यों ने 'ॐ' की ध्वनि के साथ अनुमोदित किया।
बक्ताओं ने अपने उद्द्योधनों में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय शिक्षा को नई दिशा देने वाली ऐतिहासिक पहल है। यह केबल शैक्षणिक सुधार का माध्यम नहीं, अपितु भारतीय ज्ञान परंपरा, संस्कार और चरित्र-निर्माण पर आधारित एक समय शिक्षा दृष्टिकोण है, जिसमें मातृभाषा, कौशल विकास, नैतिक मूल्यो तथा सर्वागीण व्यक्तित्व निर्माण पर विशेष बल दिया गया है।
इसी कड़ी में, पंचपदी शिक्षा पद्धति को विद्या भारती के शिक्षण संस्थानों में व्यापक रूप से लागू करने का निर्णय उद्द्घाटन सत्र में लिया गया। वक्ताओं ने इसे गुरुकुल परंपरा का आधुनिक स्वरूप बताते हुए कहा कि यह विद्यार्थियों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, सामाजिक और आध्यात्मिक विकास को सुनिश्चित करती है तथा ऐसे संस्कारित नागरिकों के निर्माण में सहायक है, जो राष्ट्र के नव निर्माण में अहम भूमिका निभाएं।
सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से चल रहे विद्या भारती के कार्यों का उल्लेख करते हुए बताया गया कि संगठन का उद्देश्य केवल जान प्रदान करना नहीं, बल्कि संस्कारयुक्त भविष्य निर्माण करना है। वर्तमान में विद्या भारती देशभर में हजारों शिक्षण संस्थानों के माध्यम से लाखों विद्यार्थियों को मूल्यनिष्ठ शिक्षा प्रदान कर रहा है।
इस अवसर पर दिल्ली प्रांत के महामंत्री डॉ. सतीश महेश्वरी ने सभी अतिथियों का स्वागत नारियल और पटका पहनाकर किया।
उद्द्घाटन सत्र के अंत में यह संकल्प व्यक्त किया गया कि विद्या भारती के सभी शिक्षण संस्थान, राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं पंचपदी शिक्षा पद्धति के अनुरूप, विद्यार्थियों के संतुलित, संस्कारित एवं सर्वागीण व्यक्तित्व निर्माण हेतु निरंतर कार्य करते रहेंगे।
वीर अर्जुन में प्रकाशित 🗞️ द्वारा : प्रचार विभाग, दिल्ली प्रांत, विद्या भारती