Vidya Bharati "Introduction Varg" in Bhopal




विद्या भारती सम्पूर्ण देश में संस्कार युक्त शिक्षा से भावी पीढ़ी का निर्माण कर रही,सम्पूर्ण देश में संस्कार युक्त शिक्षा से भावी पीढ़ी का निर्माण
लक्षद्वीप को छोड़कर देशभर में संचालित हैं विद्यालय
विद्या भारती परिचय वर्ग भोपाल में सफलता पूर्वक संपन्न
विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के सह-संगठन मंत्री श्री श्रीरामजी आरावकर ने कहा कि विद्या भारती केवल एक शैक्षणिक संस्था नहीं, बल्कि यह राष्ट्र के नव निर्माण हेतु संस्कारयुक्त नागरिकों के निर्माण का एक व्यापक आंदोलन है। विद्या भारती के विद्यालय देश के कोने-कोने में कार्यरत हैं -केवल लक्षद्वीप को छोड़कर शेष सम्पूर्ण भारत में -जहाँ विद्यार्थियों को केवल ज्ञान ही नहीं, अपितु चरित्र, कर्तव्यबोध और राष्ट्रनिष्ठा के मूल्यों से युक्त शिक्षा दी जा रही है।
विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के सह-संगठन मंत्री श्री श्रीरामजी आरावकर ने कहा कि विद्या भारती केवल एक शैक्षणिक संस्था नहीं, बल्कि यह राष्ट्र के नव निर्माण हेतु संस्कारयुक्त नागरिकों के निर्माण का एक व्यापक आंदोलन है। विद्या भारती के विद्यालय देश के कोने-कोने में कार्यरत हैं -केवल लक्षद्वीप को छोड़कर शेष सम्पूर्ण भारत में -जहाँ विद्यार्थियों को केवल ज्ञान ही नहीं, अपितु चरित्र, कर्तव्यबोध और राष्ट्रनिष्ठा के मूल्यों से युक्त शिक्षा दी जा रही है।
श्री आरावकर, सरस्वती विद्या मंदिर, शारदा विहार आवासीय विद्यालय, केरवा बाँध मार्ग, भोपाल में विद्या भारती मध्यभारत प्रांत द्वारा आयोजित “विद्या भारती परिचय वर्ग” के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 1952 में एक विचार के रूप में अंकुरित हुआ यह संगठन आज एक विशाल वटवृक्ष बन चुका है, जिसकी शाखाएँ समाज के प्रत्येक वर्ग तक फैली हैं। इस विकास यात्रा में समाज के सहयोग और समर्पित कार्यकर्ताओं की तपश्चर्या प्रमुख रही है।
विचार और विमर्श से परिपूर्ण तीन सत्र
परिचय वर्ग में तीन सत्रों के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में विद्या भारती की भूमिका, संगठन की विकास यात्रा, लक्ष्य, कार्य पद्धति, तथा चरित्र निर्माण, सांस्कृतिक बोध और कर्तव्यपरक शिक्षा की प्रासंगिकता पर गंभीर चिंतन और संवाद हुआ।
उल्लेखनीय उपस्थिति और नेतृत्व
कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो.( डॉ. )रविन्द्र कान्हेरे ने की।
विशिष्ट अतिथियों में सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान, मध्यप्रदेश के अध्यक्ष श्री मोहनलाल गुप्त, विद्या भारती मध्यभारत प्रांत के संगठन मंत्री श्री निखिलेश महेश्वरी, परिचय वर्ग के प्रभारी डॉ. आशीष जोशी एवं संयोजक डॉ. जी.एस. राय सहित विद्या भारती के प्रमुख पदाधिकारियों और शिक्षाविदों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
विद्या भारती -एक आंदोलन, एक संकल्प
अपने वक्तव्य में डॉ. कान्हेरे ने कहा कि विद्या भारती केवल पठन-पाठन तक सीमित नहीं है, अपितु यह भारतीय समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का एक शैक्षिक-सांस्कृतिक राष्ट्रधर्मी आंदोलन है। उन्होंने संगठन के विभिन्न रचनात्मक उपक्रमों जैसे विद्वत परिषद, पूर्व छात्र परिषद, क्रियाशोध परियोजना, संस्कृति बोध परियोजना एवं विज्ञाम मेला की जानकारी दी और इन्हें समाज में सकारात्मक विमर्श स्थापित करने का सशक्त माध्यम बताया।
21वीं सदी की चुनौतियों हेतु नवाचारशील शिक्षा
परिचय वर्ग में यह भी रेखांकित किया गया कि विद्या भारती आज विश्व का सबसे बड़ा गैर-सरकारी शैक्षिक संगठन है, जो AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), ICT (सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी) और 21वीं सदी के आवश्यक जीवन-कौशलों से सुसज्जित गुणवत्तापूर्ण एवं मूल्यनिष्ठ शिक्षा प्रदान करने की दिशा में निरंतर नवाचार कर रहा है।
समापन सत्र में जीवन निर्माण पर बल
समापन सत्र में श्री आरावकर ने प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए कहा कि विद्या भारती का उद्देश्य केवल ‘ज्ञान प्रदाय’ नहीं, बल्कि ‘जीवन निर्माण’ है। उन्होंने शिक्षाविदों, समाजसेवियों और राष्ट्रचिंतकों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में इस विचारधारा को न केवल आत्मसात करें, बल्कि समाज में सक्रिय रूप से प्रसारित भी करें।
कार्यक्रम में सहभागिता कर रहे सभी प्रतिभागियों ने विद्या भारती की दिशा, दृष्टि और कार्यपद्धति की मुक्तकंठ से सराहना की तथा राष्ट्रहित में इस अभियान से जुड़कर समाज परिवर्तन का सक्रिय अंग बनने का संकल्प दोहराया।